वन आवर क्रिकेट-
क्रिकेट एक बहुआयामी खेल है। इसका प्रादुर्भाव 14वीं सदी के आरंभ में हुआ था और आज यह 100 से अधिक देशों में खेला जाता है। इस खेल को पैमानों के आधार पर श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कुल दो पारियाँ होती हैं। खेल की अवधि तीन से पाँच दिन होती है। प्रत्येक टीम को एक पारी खेलनी होती है। बाद में एक दिवसीय मैचों का चलन आरंभ हुआ और इन्हें सीमित ओवरों के क्रिकेट के रूप में जाना जाने लगा इसमें प्रत्येक टीम 50 ओवर गेंदें फेंकती है। इसकी पूर्व निर्धारित अवधि केवल 1 दिन होती है जिसे ख़राब मौसम जैसे किसी कारण से बढ़ाया भी जा सकता है। ट्वेंटी 20 सीमित ओवरों का नया रूप है जिसका उद्देश्य है कि मैच 3 घंटे में ख़त्म हो जाए। सामान्यतः इसे शाम के समय खेला जाता है। जब यह अवधारणा इंग्लैंड में 2003 में पेश की गई तब मूल विचार यह था कि कर्मचारियों को शाम के समय में मनोरंजन उपलब्ध कराया जा सके। इसको व्यावसायिक रूप से सफलता मिली और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे अपना लिया गया है।
वन आवर क्रिकेट या ओ. एच. क्रिकेट त्वरित क्रिकेट का तीव्रतम प्रस्तावित संस्करण है जिसमें पूरा मैच एक घण्टे में समाप्त हो जाता है। इतनी तेजी के बावजूद इसमें गेंदबाजों और बल्लेबाजों के लिये समान अवसर हैं। फटाफट क्रिकेट के अन्य संस्करणों के विपरीत यह खिलाड़ियों के बीच भेदभाव नहीं करता और गेंदबाजी तथा बल्लेबाजी, दोनों में गुणवत्ता तथा तकनीकी कौशल के महत्व को बरकरार रखता है।
नियम
1 ओ. एच. क्रिकेट का प्रत्येक मैच कुल 20 ओवरों का होगा। पहले पच्चीस मिनिटों में दस ओवर फेंके जाएँगे। तत्पश्चात 10 मिनिट का अन्तराल होगा। इसके बाद बल्लेबाजी कर चुकी टीम अगले पच्चीस मिनिट में दस ओवर फेंकेगी व क्षेत्ररक्षण कर चुकी टीम बल्लेबाजी करेगी।
2 गेंदबाजी कर रही टीम का प्रत्येक गेंदबाज केवल एक ओवर गेंदबाजी कर सकेगा अर्थात् टीम के प्रत्येक खिलाड़ी के लिए एक ओवर गेंदबाजी करना अनिवार्य होगा।
3 विकेट कीपर गेंदबाजी नहीं करेगा।
4 बल्लेबाजी़ कर रही टीम का प्रत्येक खिलाड़ी एक ओवर तक बल्लेबाजी कर मैदान से हट जाएगा और उसके स्थान पर अगला खिलाड़ी बल्लेबाजी करने आ जाएगा।
5 प्रत्येक बल्लेबाज एक पूरे ओवर बल्लेबाजी़ करेगा। इस दौरान यदि वह आउट हो जाता है तो प्रत्येक बार आउट होने पर उसके द्वारा बनाये गए रनों में से छः रन घटा दिये जाएँगे।
6 यदि ऐसा बल्लेबाज इतनी बार आउट होता है कि उसके द्वारा बनाये गये रन उसके द्वारा आउट हो कर गँवाये गये रनों से कम है तो उसके निगेटिव रनों को उसकी टीम के स्कोर में से घटा दिया जाएगा।
7 लगातार तीन गेंदों पर आउट होने वाले बल्लेबाज को आउट घोषित कर दिया जायेगा और उसे जाना होगा, भले ही ओवर पूरा न भी हो पाया हो। बल्लेबाज के इस तरह आउट होते ही ओवर समाप्त मान लिया जायेगा और अगला बल्लेबाज नये ओवर की बल्लेबाजी करने आ जाएगा।
8 पूरी पारी के दौरान क्षेत्ररक्षण कर रही टीम पर क्षेत्ररक्षण क्षमता को सीमित करने की कोई पाबन्दी नहीं होगी। टैस्ट मैचों के क्षेत्ररक्षण नियम ही ओ. एच. क्रिकेट मैचों पर लागू होंगे।
9 खेल के मैदान का आकार विश्व के प्रमुख टेस्ट क्रिकेट मैदानों के औसत आकार का होगा।
10 ओ. एच. क्रिकेट में टैनिस और बैडमिन्टन की भाँति मिश्रित टीमों के मैचों का प्रावधान भी होगा जिसके अन्तर्गत प्रत्येक टीम में छह पुरुष और पाँच महिला खिलाड़ी होंगे और विकेट कीपर अनिवार्य रूप से महिला खिलाड़ी ही होगी।
11 मैच के दौरान गेंद पर कोई भी पदार्थ लगाना अथवा उसे अपनी पोशाक पर रगड़ना पूर्णतया वर्जित होगा। गेंद की चमक बनाये रखने के लिये अम्पायर के पास पहले से रखा हुआ मानक तथा परीक्षित कपड़ा इस्तेमाल करना होगा।
एक दिवसीय मैचों नें जिस प्रकार क्रिकेट की लोकप्रियता में उल्लेखनीय वृद्धि की है, उसी प्रकार फुटबाल मैचों से भी कम समय में संपन्न होने वाले ये एक घंटे के मैच क्रिकेट की लोकप्रियता को नयी ऊँचाईयों तक पहुँचा सकते हैं। आवश्यकता केवल इस अवधारणा को जमीनी हकीकत में बदलने की है जिसके लिये इन मैचों का व्यापक मीडिया कवरेज के साथ आयोजन किया जाना चाहिए। जिले में इसकी शुरुआत नौगाँव स्थित उच्च स्तरीय विकेट युक्त स्टेडियम से की जा सकती है।
अवधारणा : प्रताप सिंह सक्सेना