छत्रपुर नगर के किशोर सागर जलाशय के पूर्वी तट की प्राचीर पर ‘नशामुक्ति अभियान’ के अंतर्गत कुछ पंक्तियाँ लिखी गयी थीं जिनमे से दो विशेष उल्लेखनीय हैं:
तेरा जीवन है अनमोल
इसको बोतल में मत घोल
उपरोक्त पंक्तियों के यथार्थ का इतिहास साक्षी हैI कितने जीवन बोतलों में घुल कर संसार से अकाल विदा हो गए और अपने प्रियजनों को अंतहीन दुःख दे गएI
शराब, दिमाग और शरीर के लिए जहर हैI शराब का घूँट मुंह में जाते ही दिमाग और शरीर पर उसका प्रभाव दिखने लगता हैI मुंह में जाते ही इसको शैलेष्मिक झिल्ली सोख लेती हैI बाकी शराब अथवा अल्कोहल सीधे छोटी आंत में जाती हैI छोटी आंत भी इसे सोखती है, फिर यह रक्त संचार द्वारा लिवर तक पहुँचती हैI लिवर पहला मुख्य पड़ाव है जिसमें ऐसे एन्जाइम होते हैं जो अल्कोहल को तोड़ सकते हैंI लिवर हमारे शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है लेकिन यह अल्कोहल पूरी तरह टूटता नहीं हैI कुछ अल्कोहल अन्य अंगों तक, यहाँ तक कि हड्डियों तक भी पहुँच जाता है और अनेक प्रकार की बीमारियाँ पैदा कर सकता हैI
आज देश भर में शराब बन्दी के मुद्दे पर बहस छिड़ी है I देश का युवा शराब का प्रमुख टार्गेट है I देश में प्रतिदिन 15 लोग, अर्थात प्रत्येक 96 मिनिट में एक भारतीय की मौत होती है I दुर्भाग्य है कि यह आंकड़ा प्रति वर्ष आगे बढ़ता जा रहा है I
अत्यधिक अल्कोहल मस्तिष्क पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है I अल्कोहल को मस्तिष्क तक पहुँचने में 6 मिनिट लगते हैं I एथेनॉल, अल्कोहल का, पानी में घुलनशील एक छोटा अणु है I यह खून में उपस्थित पानी में घुल कर मस्तिष्क में शीघ्र पहुँच जाता है I मस्तिष्क में पहुँचने के बाद यह न्यूरोट्रांस्मीटरों पर असर डालता है जो ऐसे सन्देश भेजने लगते हैं जिससे तंत्रिकातंत्र भ्रमित होने लगता है I
ऐसी अवस्था में, मनुष्य आसपास के वातावरण का ठीक से आँकलन नहीं कर पता I एकाग्र होने और निर्णय लेने की क्षमता घट जती है I झिझक मिट जाती है और शराबी एक कृत्रिम और अस्थाई मुक्तावस्था का अनुभव करता है I साथ ही क्रोध और निराशा के भाव भी जागृत होने लगते हैं I ऐसी मानसिक स्थिति में वह ऐसा कुछ कर लेता है जिसकी उसने सामान्य अवस्था में कभी कल्पना भी नहीं की होती I
लम्बे समय तक शराब पीने वाले लोगों के शरीर में विटामिन और दूसरे आवश्यक तत्वों की आपूर्ति प्रभावित होती है और विषम परिस्थितियाँ बनने लगती हैं I डिमेंशिया, अर्थात, याददाश्त की कमी, आहारनली का कैंसर, लिवर सिर्रोसिस, इत्यादि, घातक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है I
शराब, युवा-शक्ति के लिए खतरा है, देश के लिए खतरा है I आज शराब-बंदी से अधिक नशा-मुक्ति आंदोलन की आवश्यकता है I